देश की रा
जधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर
गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है
.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हु
ए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं
है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी
थे.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
अब इन चार दोषियों
अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों
दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहा
रा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का
.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
भारत में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चा
रों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो
जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे
हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है.
निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
पूर्व
सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन
परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फां
सी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका
ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.'
'मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी.
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
वो कहते हैं, ''मेरे विचार से
क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस माम
ले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन
महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्या
दा वक़्त नहीं लगेगा.
बीबीसी के साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उ
नकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.'
'मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
आपराधिक मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का ज
ल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो
जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह
का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों
से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.
बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें ए
क मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर
सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई
थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
इससे पहले 13 सितंबर 2013 को
ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.
इसके बाद 5 मई 2017 को सुप्री
म कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुके
श ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज
कर दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घट
ना को 'सदमे की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम
कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लग
ता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की
जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
16 दिसंबर 20
12 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया
था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.
एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त
नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की
सज़ा सुनाई गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
अब यह अपराधी व्यस्क
हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है
क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है.
देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार या
चिका को ख़ारिज किया है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
सुप्रीम
कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबित हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज
करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशो
क भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.
अब इन चार दो अक्षय, पवन गु
प्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक मषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी. चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
भारत
में क़ानून के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी
बचे हैं.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
माना जा रहा है कि इन दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में
रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.
पूर्व सॉलिसिटर जनर
ल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.''
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
परासरन ने बी
बीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाएगा.''
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी
.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानूनी
और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे.''
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
कौशिक यह भी कहते हैं कि अब इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा
.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
बीबीसी के
साथ बातचीत में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और दया याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.''
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
आपराधि
क मामलों के वकील विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण अंत होना चाहिए.
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो
-तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चित हो जाएगी.
''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
तीन दोषी अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए
.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने
कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो
ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पवन औ
र विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खट
खटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई
थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
इससे पहले 13 सितंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.
इसके बाद 5 मई 201
7 को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका
दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज क
र दिया.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
उस समय जिस बेंच ने वह
पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे की सुनामी' बताया था
.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जानवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की जाती है.
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली में 23 साल की एक
मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैंगरेप किया था
.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
चार दोषियों के अलावा एक प्रमुख आरोपी राम सिंह ने ट्रायल के दौरान ही तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी.
एक अन्य अपराधी जो घटना के वक़्त नाबालिग़ साबित हुआ था, उसे सुधारगृह भेजा गया था. साल 2015 में उसे सुधारगृह से रिहा कर दिया गया था. इस अपराधी का नाम ज़ाहिर नहीं किया जा सकता. इसे अगस्त 2013 में तीन साल सुधारगृह में बिताने की सज़ा सुनाई गई
थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
अब यह अपराधी व्यस्क हो चुका है, लेकिन तय नियमों के अनुसार उन्होंने अपनी सज़ा पूरी कर ली है. अब वो एक चैरिटी संस्था के साथ है क्योंकि बाहर उन्हें सुरक्षा का ख़तरा बना हुआ है.
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
देश की राजधानी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को हुए निर्भया मामले के चारों दोषियों का केस अब लगभग पूरा
होने वाला है. इन चारों पर गैंगरेप और हत्या का मामला दर्ज है. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अंतिम पुनर्विचार याचिका को ख़ारिज किया है.
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
सुप्रीम कोर्ट
में जस्टिस आर. भानुमति की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस याचिका को ख़ारिज करते हुए कहा, ''हम दोषी साबि
त हो चुके अक्षय कुमार की याचिका ख़ारिज करते हैं. उनकी याचिका पर दोबारा विचार करने जैसा कुछ नहीं है.'' इस पीठ में जस्टिस अशोक भूषण और ए.एस. बोपन्ना भी थे.
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
अब इन चार दोषियों अक्षय, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और मुकेश सिंह को एक महीने के भीतर अपनी-अपनी क्यूरेटिव याचिका दायर करनी होगी.
चारों दोषियों के पास यह अंतिम क़ानूनी सहारा बचा है. इसके बाद उनके पास एक संवैधानिक सहारा बचेगा और वह है राष्ट्रपति के पास दया याचिका का.
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
भारत में क़ानून
के बड़े जानकार और वरिष्ठ अधिवक्ता मानते हैं कि इस मामले के चारों दोषियों को जल्दी ही
फांसी हो जाएगी. इन चारों दोषियों की पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है और अब क्यूरेटिव और दया याचिका ही दो अंतिम विकल्प बाकी बचे हैं
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माना जा रहा है कि इन
दोनों रास्तों पर भी दोषियों को कोई राहत नहीं मिलेगी क्योंकि इस घटना को बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी
में रखा गया है. निर्भया मामले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था.
पूर्व सॉलिसिटर जनरल और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील मोहन परासरन कहते हैं, ''यह माना जा रहा है कि आने वाले तीन-चार महीनों में इन चारों दोषियों को फांसी हो जाएगी.
''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
परासरन ने बीबीसी से कहा, ''उन्हें जल्दी ही फांसी की सज़ा हो जाएगी. क्योंकि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है. मेरे ख़याल से इस पूरे मामले में हुई बर्बरता को देखते हुए उनकी क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका पर भी ग़ौर नहीं किया जाए
गा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
वरिष्ठ वकील और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के.
सी. कौशिक का भी मानना है कि आने वाले दो तीन महीनों में दोषियों को फां
सी दे दी जाएगी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
वो कहते हैं, ''मेरे विचार से क्यूरेटिव और दया याचिका दोनों ही ख़ारिज हो जाएंगी. यह मामला बेहद जघन्य अपराध की श्रेणी में है. इस मामले के दोषियों के पास जो भी क़ानू
नी और संवैधानिक विकल्प हैं वो दो-तीन महीनों में समाप्त हो जाएंगे
.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
कौशिक यह भी कहते हैं कि अब
इस मामले में दो-तीन महीने से ज़्यादा वक़्त नहीं लगेगा.
बीबीसी के साथ बातचीत
में वो कहते हैं, ''जैसे कि उनकी पुनर्विचार याचिका ख़ारिज हो चुकी है इसके बाद उनकी क्यूरेटिव और द
या याचिका भी ख़ारिज हो सकती है तो ऐसे में सभी दोषियों को फांसी मिलने में ज़्यादा
वक़्त नहीं लगेगा.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
आपराधिक मामलों के वकी
ल विकास पाहवा कहते हैं कि इस मामले का जल्द से जल्द एक बेहतर और तर्कपूर्ण
अंत होना चाहिए.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
वो कहते हैं, ''एक तयशुदा वक़्त यानी दो-
तीन महीने में सभी क़ानूनी विकल्प पूरे हो जाएंगे और इसके बाद दोषियों को फांसी निश्चि
त हो जाएगी.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
तीन दोषी
अक्षय, पवन और विनय के वकील ए.पी. सिंह का कहना है कि उनके तीनों मुवक्किल ग़रीब परिवारों से आते हैं इसलिए उन्हें कम सज़ा दी जानी चाहिए और उन्हें सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए.
बीबीसी के साथ बातचीत में
उन्होंने कहा, ''मेरे सभी मुवक्किलों को सुधरने का एक मौक़ा मिलना चाहिए. वो ग़रीब हैं और उन्हें एक मौक़ा मिलना चाहिए कि वो भी देश
के अच्छे नागरिक के तौर पर ख़ुद को साबित कर सकें.''मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
चारों अपराधी, मुकेश, अक्षय, पव
न और विनय ने मार्च 2014 में दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था. दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश में इन
सभी को मौत की सज़ा देने पर मंज़ूरी दी गई थी.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
इससे पहले 13 सि
तंबर 2013 को ट्रायल कोर्ट ने सभी दोषियों को मौत की सज़ा सुनाई थी.
इसके बाद 5 मई 2017
को सुप्रीम कोर्ट ने भी दोषियों की सभी अपीलों को ख़ारिज कर दिया था. इसके बाद तीन
दोषियों पवन, विनय और मुकेश ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की, जिसे 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया.
मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
उस समय जिस बेंच ने वह पुनर्विचार याचिका ख़ारिज की थी उसके अ
ध्यक्ष जस्टिस दीपक मिश्रा थे. उन्होंने इस घटना को 'सदमे
की सुनामी' बताया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
अपने लंबे चौड़े फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने अपराधियों के बर्ताव को जा
नवरों जैसा बताया था और कहा था कि ऐसा लगता है कि ये पूरा मामला
ही किसी दूसरी दुनिया में घटित हुआ जहां मानवता के साथ बर्बरता की
जाती है.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह
16 दिसंबर 2012 की रात राजधानी दिल्ली
में 23 साल की एक मेडिकल छात्रा के साथ छह पुरुषों ने एक चलती बस में गैं
गरेप किया था.मुक्त अश्लील सेक्स और अनल सेक्स संग्रह